दारुल कजा ऑल इंडिया मुस्लिम पर पर्सनल्लॉ और तदबिर फाऊडेशन पुणे के जेरे एहत्माम मजलिस..

इजलास ए आम् इसलाहे माशरा और दारुलकजा




प्रेस मीडिया लाईव्ह :

 अन्वरअली शेख :

पिंपरी चिंचवड शहर मे एक अजिमुशान प्रॉग्राम काळेवाडी मक्का मस्जिद मे हूवा जिस मे शहर के मशहूर ऊलमा ए दीन ने शिर्कत की साथ ही शहर का मुस्लिम समाज ने बहुसंख्या मे भाग किया

कारी इद्रिस सदर पुणे शहर जामियेत उलमा हिंद,

  मोलाना आ. गफ्फार, कारी इकबाल मदरसा फैजुल उलूम दापोडी, मोलाना आ.शकुर बिजलिनगर,मुफ्फती आ.समद मदिना मस्जिद आकुर्डी, मोलाना फिरोज काळेवाडी,हाजी अब्दुल रज्जाक सदर जमियेत  देहूरोड,हाजी मुशीर पठाण अक्सा मस्जिद देहूरोड, गौस सुनार मदद  फाऊंडेशन , फरहत अत्तार जामा मस्जिद देहूरोड, नाजीम नालबंद KWA पिंपरी चिंचवड के जिम्मेदार,हाजी गुलाम साहेब, मोलाना उमेर गाजी एकरा इंग्लिश स्कूल दापोडी, मौजुद थे.

हाजी गुलजार सदर पिंपरी चिंचवड जमियेत उलमा हिंद ने मुस्लिम समाज मे शिक्षा,आरोग्य, और आपसी झगडो पर तलाक, खुला,विरसात पर पिंपरी चिंचवड मे दारुल कजा इस्लामी तरीके से   काम कर रही हैं जिस का फायदा पिंपरी चिंचवड शहर के मुसलमानों को बहुत फायदेमंद साबित होता नजर आ रहा हे जानकारी संझा की,

 मेहमाने खुसुसी  हजरत मोलाना मुप्फ्ती उबेदुल्लाह असादी

 शौखुल हदिस जामिया हातोडा बांदा , ने आज के हालात पर मुस्लिम समाज मे शिक्षा,आरोग्य,और आपसी रिश्ते मे सुधार ,तलाक, बेटीयो की जिम्मेदारी  सुरक्षा पर अपने बयान मे इजहार किया,

हजरत मोलाना आंजार आलम कास्मी,

काजी आमारते शरीयत मर्कजी, शरिया  फुलवारी शरीफ पटना,  मुस्लिम समाज को संबोधित किया, जिस मे दारुल कजा,और मुस्लिम पर्सनल्लॉ पर जानकारी दी

भारत में सभी मुसलमान, मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) आवेदन अधिनियम, 1937 द्वारा शासित हैं। [1]यह कानून मुसलमानों के बीच विवाह, उत्तराधिकार, विरासत और दान से संबंधित है। द डिसॉल्विंग ऑफ मुस्लिम मैरिजेज एक्ट, 1939 उन परिस्थितियों से संबंधित है जिसमें मुस्लिम महिलाएं तलाक [2] और उन मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को प्राप्त कर सकती हैं, जिन्हें उनके पति द्वारा तलाक दिया गया है और संबंधित मामलों के लिए प्रदान करने के लिए

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) 1973 में गठित एक गैर-सरकारी संगठन है, जिसने भारत में मुस्लिम पर्सनल लॉ की सुरक्षा और निरंतर प्रयोज्यता को अपनाने के लिए, सबसे महत्वपूर्ण बात, मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीया) 1937 का आवेदन अधिनियम, व्यक्तिगत मामलों में भारत में मुसलमानों को इस्लामी कानून संहिता शरीयत के आवेदन के लिए प्रदान करना।

मक्का मस्जिद काळेवाडी के ट्रस्ट व जिम्मेदारो नेआये हुवे सभी मेहमानो और मुस्लिम समुदाय का स्वगत एवं शुकरिया अदा किया, 



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