पुणे लोकसभा के लिए रवींद्र धांगेकर तय..?


प्रेस मीडिया लाईव्ह :

फिरोज मुल्ला सर :

 पुणे: दिवंगत बीजेपी सांसद गिरीश बापट के निधन के बाद पुणे लोकसभा सीट खाली हो गई है. लेकिन अभी तक यहां कोई उपचुनाव नहीं हुआ है. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव दो महीने में होने वाले हैं. हाल ही में कसबा विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस विधायक रवींद्र धांगेकर ने बीजेपी का 25 साल पुराना किला ढहा दिया था. ऐसा लग रहा है कि बीजेपी के मन में उनका डर अभी भी बना हुआ है. बीजेपी से पुणे लोकसभा के लिए कई लोग दावेदार हैं. महाविकास अघाड़ी ने भी यहां सफलतापूर्वक तैयारी कर ली है.

पुणे लोकसभा के लिए भाजपा की ओर से पूर्व मेयर मुरलीधर मोहोल, पूर्व विधायक जगदीश मुलिक और सुनील देवधर के नाम पर चर्चा चल रही है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस विधायक रवींद्र धांगेकर के नाम की चर्चा चल रही है. इसमें दिख रहा है कि रवींद्र धांगेकर ने भी लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. फिर आ रहा है गैंगस्टर पैटर्न, भयमुक्त पुणे के लिए गैंगस्टर्स की पुख्ता तैयारी सोशल मीडिया पर देखने को मिल रही है.

इस बीच दिवंगत विधायक मुक्ता तिलक के निधन के बाद कसबा उपचुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी के 25 साल के गढ़ को ध्वस्त कर दिया. यहां रवींद्र धांगेकर ने बीजेपी उम्मीदवार हेमंत रसाने पर शानदार जीत हासिल की. तभी सांसद गिरीश बापट का निधन हो गया. लेकिन ऐसी चर्चा है कि बीजेपी ने कसबा उपचुनाव के नतीजे के डर से पुणे लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव नहीं कराया.

ऐसे में अब कहा जा रहा है कि पुणे लोकसभा क्षेत्र से महाविकास अघाड़ी और कांग्रेस से रवींद्र धांगेकर को उम्मीदवार बनाया जाएगा. रवींद्र धांगेकर ने भी पुणे लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. इसलिए मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए यह तस्वीर उभर कर सामने आ रही है कि बीजेपी के लिए रवींद्र धांगेकर के खिलाफ जीत हासिल करना काफी मुश्किल होगा.

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