विश्वविद्यालय में रिश्वतखोरी एक शर्मनाक घटना




प्रेस मीडिया लाईव्ह :

पुणे: सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय से संबद्ध एक शोध केंद्र में थीसिस के लिए रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। यह बेहद शर्मनाक घटना है और यूनिवर्सिटी की छवि को धूमिल करती है.' विश्वविद्यालय छात्र संघर्ष संघर्ष समिति ने कुलपति से इन पर तत्काल रोक लगाने का अनुरोध किया है. मांग की है कि इस संबंध में एक तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया जाना चाहिए.


समिति ने शोध छात्रों के विभिन्न प्रश्नों के संबंध में कुलपति को पत्र लिखा। इसमें वे कहते हैं, ''जो कुछ हुआ उसकी गंभीरता को समझते हुए एक स्वतंत्र तथ्यान्वेषी समिति की स्थापना की जानी चाहिए. पूरी जांच कर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक स्वतंत्र पीएच.डी. की स्थापना की है। शिकायत निवारण केंद्र की व्यवस्था की जाये. ताकि शोधकर्ता छात्रों की शिकायतें दर्ज कर सकें।”

छात्र की मांग ...

विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों के अनुसंधान केंद्रों में पीएच.डी. फीस में समानता होनी चाहिए


प्रगति रिपोर्ट और जेआरएफ फेलोशिप आवेदन पर हस्ताक्षर के लिए कुछ मेंटर्स द्वारा पैसे मांगने की शिकायतें


जिस शोध केंद्र पर शोध के लिए सेवाएँ एवं सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हों, उसकी मान्यता तुरंत रद्द कर देनी चाहिए


छात्रों का शारीरिक, मानसिक व आर्थिक शोषण करने वाले केंद्राध्यक्ष के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए


पुनः पंजीयन एवं एक्सटेंशन संबंधी सर्कुलर को हटाकर निराकरण किया जाए


रिसर्च सेंटर में सेंटर के मुखिया और मार्गदर्शक प्रोफेसर लगातार छात्रों पर दबाव बनाकर उनका आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शोषण कर रहे हैं. दबाव के कारण कई छात्र किसी से शिकायत नहीं करते। ऐसे छात्र तुरंत हमसे या विश्वविद्यालय प्रशासन से संपर्क करें।


- राहुल सासाने,


विश्वविद्यालय छात्र संघर्ष कार्रवाई समिति

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